Original

प्रनष्टमशुभं यत्तत्कल्याणं समुपस्थितम् ।तेन त्वेतत्प्रहृष्टं मे मनो लक्ष्मण संप्रति ॥ ५ ॥

Segmented

प्रनष्टम् अशुभम् यत् तत् कल्याणम् समुपस्थितम् तेन त्व् एतत् प्रहृष्टम् मे मनो लक्ष्मण सम्प्रति

Analysis

Word Lemma Parse
प्रनष्टम् प्रणश् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
अशुभम् अशुभ pos=a,g=n,c=1,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
कल्याणम् कल्याण pos=a,g=n,c=1,n=s
समुपस्थितम् समुपस्था pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
तेन तद् pos=n,g=n,c=3,n=s
त्व् तु pos=i
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रहृष्टम् प्रहृष् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
मनो मनस् pos=n,g=n,c=1,n=s
लक्ष्मण लक्ष्मण pos=n,g=m,c=8,n=s
सम्प्रति सम्प्रति pos=i