रामायणम् — 3.71.11
Original
Segmented
समीक्षमाणः पुष्प-आढ्यम् सर्वतो विपुल-द्रुमम् कोयष्टिभिः च अर्जुनकैः शतपत्त्रैः च कीचकैः एतैः च अन्यैः च विविधैः नादितम् तद् वनम् महत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
समीक्षमाणः | समीक्ष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पुष्प | पुष्प | pos=n,comp=y |
आढ्यम् | आढ्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
सर्वतो | सर्वतस् | pos=i |
विपुल | विपुल | pos=a,comp=y |
द्रुमम् | द्रुम | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कोयष्टिभिः | कोयष्टि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
अर्जुनकैः | अर्जुनक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
शतपत्त्रैः | शतपत्त्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
कीचकैः | कीचक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
एतैः | एतद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
अन्यैः | अन्य | pos=n,g=m,c=3,n=p |
च | च | pos=i |
विविधैः | विविध | pos=a,g=m,c=3,n=p |
नादितम् | नादय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वनम् | वन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=1,n=s |