रामायणम् — 3.70.27
Original
Segmented
यत्र ते सुकृत-आत्मानः विहरन्ति महा-ऋषयः तत् पुण्यम् शबरी स्थानम् जगाम आत्म-समाधिना
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यत्र | यत्र | pos=i |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सुकृत | सुकृत | pos=n,comp=y |
आत्मानः | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
विहरन्ति | विहृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
ऋषयः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पुण्यम् | पुण्य | pos=a,g=n,c=2,n=s |
शबरी | शबरी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स्थानम् | स्थान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
जगाम | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
समाधिना | समाधि | pos=n,g=m,c=3,n=s |