Original

कबन्धस्त्वनुशास्यैवं तावुभौ रामलक्ष्मणौ ।स्रग्वी भास्करवर्णाभः खे व्यरोचत वीर्यवान् ॥ ३३ ॥

Segmented

कबन्धस् त्व् अनुशिष्य एवम् ताव् उभौ राम-लक्ष्मणौ स्रग्वी भास्कर-वर्ण-आभः खे व्यरोचत वीर्यवान्

Analysis

Word Lemma Parse
कबन्धस् कबन्ध pos=n,g=m,c=1,n=s
त्व् तु pos=i
अनुशिष्य अनुशास् pos=vi
एवम् एवम् pos=i
ताव् तद् pos=n,g=m,c=2,n=d
उभौ उभ् pos=n,g=m,c=2,n=d
राम राम pos=n,comp=y
लक्ष्मणौ लक्ष्मण pos=n,g=m,c=2,n=d
स्रग्वी स्रग्विन् pos=a,g=m,c=1,n=s
भास्कर भास्कर pos=n,comp=y
वर्ण वर्ण pos=n,comp=y
आभः आभ pos=a,g=m,c=1,n=s
खे pos=n,g=n,c=7,n=s
व्यरोचत विरुच् pos=v,p=3,n=s,l=lan
वीर्यवान् वीर्यवत् pos=a,g=m,c=1,n=s