रामायणम् — 3.68.22
Original
Segmented
स मेरु-शृङ्ग-अग्र-गताम् अनिन्दिताम् प्रविश्य पाताल-तले ऽपि वा आश्रिताम् प्लवंगमानाम् प्रवरस् तव प्रियाम् निहत्य रक्षांसि पुनः प्रदास्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मेरु | मेरु | pos=n,comp=y |
शृङ्ग | शृङ्ग | pos=n,comp=y |
अग्र | अग्र | pos=n,comp=y |
गताम् | गम् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
अनिन्दिताम् | अनिन्दित | pos=a,g=f,c=2,n=s |
प्रविश्य | प्रविश् | pos=vi |
पाताल | पाताल | pos=n,comp=y |
तले | तल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
वा | वा | pos=i |
आश्रिताम् | आश्रि | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
प्लवंगमानाम् | प्लवंगम | pos=n,g=m,c=6,n=p |
प्रवरस् | प्रवर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रियाम् | प्रिय | pos=a,g=f,c=2,n=s |
निहत्य | निहन् | pos=vi |
रक्षांसि | रक्षस् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
पुनः | पुनर् | pos=i |
प्रदास्यति | प्रदा | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |