रामायणम् — 3.67.23
Original
Segmented
स त्वम् सीताम् समाचक्ष्व येन वा यत्र वा हृता कुरु कल्याणम् अत्यर्थम् यदि जानासि तत्त्वतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
सीताम् | सीता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
समाचक्ष्व | समाचक्ष् | pos=v,p=2,n=s,l=lan |
येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वा | वा | pos=i |
यत्र | यत्र | pos=i |
वा | वा | pos=i |
हृता | हृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
कुरु | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
कल्याणम् | कल्याण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अत्यर्थम् | अत्यर्थम् | pos=i |
यदि | यदि | pos=i |
जानासि | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |