रामायणम् — 3.65.9
Original
Segmented
स्पन्दते मे दृढम् बाहुः उद्विग्नम् इव मे मनः प्रायशः च अपि अनिष्टानि निमित्तान्य् उपलक्षये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्पन्दते | स्पन्द् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दृढम् | दृढम् | pos=i |
बाहुः | बाहु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उद्विग्नम् | उद्विज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
इव | इव | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मनः | मनस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रायशः | प्रायशस् | pos=i |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अनिष्टानि | अनिष्ट | pos=a,g=n,c=2,n=p |
निमित्तान्य् | निमित्त | pos=n,g=n,c=2,n=p |
उपलक्षये | उपलक्षय् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |