रामायणम् — 3.62.14
Original
Segmented
त्वद्विधा हि न शोचन्ति सततम् सत्य-दर्शिनः सु महत् अपि कृच्छ्रेषु राम अनिर्विण्ण-दर्शनाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वद्विधा | त्वद्विध | pos=a,g=m,c=1,n=p |
हि | हि | pos=i |
न | न | pos=i |
शोचन्ति | शुच् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
सततम् | सततम् | pos=i |
सत्य | सत्य | pos=n,comp=y |
दर्शिनः | दर्शिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
सु | सु | pos=i |
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=7,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
कृच्छ्रेषु | कृच्छ्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
राम | राम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अनिर्विण्ण | अनिर्विण्ण | pos=a,comp=y |
दर्शनाः | दर्शन | pos=n,g=m,c=1,n=p |