Original

अर्दितं मम नाराचैर्ध्वस्तभ्रान्तमृगद्विजम् ।समाकुलममर्यादं जगत्पश्याद्य लक्ष्मण ॥ ४६ ॥

Segmented

अर्दितम् मम नाराचैः ध्वस्त-भ्रान्त-मृग-द्विजम् समाकुलम् अमर्यादम् जगत् पश्य अद्य लक्ष्मण

Analysis

Word Lemma Parse
अर्दितम् अर्दय् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
नाराचैः नाराच pos=n,g=m,c=3,n=p
ध्वस्त ध्वंस् pos=va,comp=y,f=part
भ्रान्त भ्रम् pos=va,comp=y,f=part
मृग मृग pos=n,comp=y
द्विजम् द्विज pos=n,g=n,c=2,n=s
समाकुलम् समाकुल pos=a,g=n,c=2,n=s
अमर्यादम् अमर्याद pos=a,g=n,c=2,n=s
जगत् जगन्त् pos=n,g=n,c=2,n=s
पश्य पश् pos=v,p=2,n=s,l=lot
अद्य अद्य pos=i
लक्ष्मण लक्ष्मण pos=n,g=m,c=8,n=s