रामायणम् — 3.59.2
Original
Segmented
अदृष्ट्वा तत्र वैदेहीम् संनिरीक्ष्य च सर्वशः उवाच रामः प्राक्रुश्य प्रगृह्य रुचिरौ भुजौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अदृष्ट्वा | अदृष्ट्वा | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |
वैदेहीम् | वैदेही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
संनिरीक्ष्य | संनिरीक्ष् | pos=vi |
च | च | pos=i |
सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
रामः | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्राक्रुश्य | प्राक्रुश् | pos=vi |
प्रगृह्य | प्रग्रह् | pos=vi |
रुचिरौ | रुचिर | pos=a,g=m,c=2,n=d |
भुजौ | भुज | pos=n,g=m,c=2,n=d |