Original

स्फुरते नयनं सव्यं बाहुश्च हृदयं च मे ।दृष्ट्वा लक्ष्मण दूरे त्वां सीताविरहितं पथि ॥ ४ ॥

Segmented

स्फुरते नयनम् सव्यम् बाहुः च हृदयम् च मे दृष्ट्वा लक्ष्मण दूरे त्वाम् सीता-विरहितम् पथि

Analysis

Word Lemma Parse
स्फुरते स्फुर् pos=v,p=3,n=s,l=lat
नयनम् नयन pos=n,g=n,c=1,n=s
सव्यम् सव्य pos=a,g=n,c=1,n=s
बाहुः बाहु pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
लक्ष्मण लक्ष्मण pos=n,g=m,c=8,n=s
दूरे दूर pos=a,g=n,c=7,n=s
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
सीता सीता pos=n,comp=y
विरहितम् विरहित pos=a,g=m,c=2,n=s
पथि पथिन् pos=n,g=m,c=7,n=s