Original

दृष्ट्वैवाभ्यागतं त्वां मे मैथिलीं त्यज्य लक्ष्मण ।शङ्कमानं महत्पापं यत्सत्यं व्यथितं मनः ॥ ३ ॥

Segmented

दृष्ट्वा एव अभ्यागतम् त्वाम् मे मैथिलीम् त्यज्य लक्ष्मण शङ्कमानम् महत् पापम् यत् सत्यम् व्यथितम् मनः

Analysis

Word Lemma Parse
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
एव एव pos=i
अभ्यागतम् अभ्यागम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
मैथिलीम् मैथिली pos=n,g=f,c=2,n=s
त्यज्य त्यज् pos=vi
लक्ष्मण लक्ष्मण pos=n,g=m,c=8,n=s
शङ्कमानम् शङ्क् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
महत् महत् pos=a,g=n,c=1,n=s
पापम् पाप pos=n,g=n,c=1,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
सत्यम् सत्य pos=n,g=n,c=1,n=s
व्यथितम् व्यथ् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
मनः मनस् pos=n,g=n,c=1,n=s