रामायणम् — 3.57.13
Original
Segmented
अलम् वैक्लव्यम् आलम्ब्य स्वस्था भव निरुत्सुका न च अस्ति त्रिषु लोकेषु पुमान् यो राघवम् रणे जातो वा जायमानो वा संयुगे यः पराजयेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अलम् | अलम् | pos=i |
वैक्लव्यम् | वैक्लव्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आलम्ब्य | आलम्ब् | pos=vi |
स्वस्था | स्वस्थ | pos=a,g=f,c=1,n=s |
भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
निरुत्सुका | निरुत्सुक | pos=a,g=f,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
पुमान् | पुंस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राघवम् | राघव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
जातो | जन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वा | वा | pos=i |
जायमानो | जन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वा | वा | pos=i |
संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पराजयेत् | पराजि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |