रामायणम् — 3.55.3
Original
Segmented
स तस्य स्वरम् आज्ञाय दारुणम् रोम-हर्षणम् चिन्तयामास गोमायोः स्वरेण परिशङ्कितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स्वरम् | स्वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आज्ञाय | आज्ञा | pos=vi |
दारुणम् | दारुण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
रोम | रोमन् | pos=n,comp=y |
हर्षणम् | हर्षण | pos=a,g=m,c=2,n=s |
चिन्तयामास | चिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
गोमायोः | गोमायु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स्वरेण | स्वर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
परिशङ्कितः | परिशङ्क् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |