Original

न चापि रावणः कांचिन्मूर्ध्ना स्त्रीं प्रणमेत ह ।एवमुक्त्वा दशग्रीवो मैथिलीं जनकात्मजाम् ॥ ३४ ॥

Segmented

न च अपि रावणः कांचिन् मूर्ध्ना स्त्रीम् प्रणमेत ह एवम् उक्त्वा दशग्रीवो मैथिलीम् जनकात्मजाम्

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
pos=i
अपि अपि pos=i
रावणः रावण pos=n,g=m,c=1,n=s
कांचिन् कश्चित् pos=n,g=f,c=2,n=s
मूर्ध्ना मूर्धन् pos=n,g=m,c=3,n=s
स्त्रीम् स्त्री pos=n,g=f,c=2,n=s
प्रणमेत प्रणम् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
pos=i
एवम् एवम् pos=i
उक्त्वा वच् pos=vi
दशग्रीवो दशग्रीव pos=n,g=m,c=1,n=s
मैथिलीम् मैथिली pos=n,g=f,c=2,n=s
जनकात्मजाम् जनकात्मजा pos=n,g=f,c=2,n=s