रामायणम् — 3.52.17
Original
Segmented
तथा उक्त्वा राक्षसीस् तास् तु राक्षस-इन्द्रः प्रतापवान् निष्क्रम्य अन्तःपुरात् तस्मात् किम् कृत्यम् इति चिन्तयन् ददर्श अष्टौ महा-वीर्यान् राक्षसान् पिशित-अशनान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तथा | तथा | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
राक्षसीस् | राक्षसी | pos=n,g=f,c=2,n=p |
तास् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=p |
तु | तु | pos=i |
राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
इन्द्रः | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रतापवान् | प्रतापवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
निष्क्रम्य | निष्क्रम् | pos=vi |
अन्तःपुरात् | अन्तःपुर | pos=n,g=n,c=5,n=s |
तस्मात् | तद् | pos=n,g=n,c=5,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
कृत्यम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
इति | इति | pos=i |
चिन्तयन् | चिन्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अष्टौ | अष्टन् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
वीर्यान् | वीर्य | pos=n,g=m,c=2,n=p |
राक्षसान् | राक्षस | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पिशित | पिशित | pos=n,comp=y |
अशनान् | अशन | pos=n,g=m,c=2,n=p |