रामायणम् — 3.51.7
Original
Segmented
कथयिष्यन्ति लोकेषु पुरुषाः कर्म कुत्सितम् सु नृशंसम् अधर्मिष्ठम् तव शौण्डीर्य-मानिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कथयिष्यन्ति | कथय् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
पुरुषाः | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुत्सितम् | कुत्सय् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
सु | सु | pos=i |
नृशंसम् | नृशंस | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अधर्मिष्ठम् | अधर्मिष्ठ | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शौण्डीर्य | शौण्डीर्य | pos=n,comp=y |
मानिनः | मानिन् | pos=a,g=m,c=6,n=s |