Original

बद्धस्त्वं कालपाशेन दुर्निवारेण रावण ।क्व गतो लप्स्यसे शर्म भर्तुर्मम महात्मनः ॥ २१ ॥

Segmented

बद्धस् त्वम् काल-पाशेन दुर्निवारेण रावण क्व गतो लप्स्यसे शर्म भर्तुः मम महात्मनः

Analysis

Word Lemma Parse
बद्धस् बन्ध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
काल काल pos=n,comp=y
पाशेन पाश pos=n,g=m,c=3,n=s
दुर्निवारेण दुर्निवार pos=a,g=m,c=3,n=s
रावण रावण pos=n,g=m,c=8,n=s
क्व क्व pos=i
गतो गम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
लप्स्यसे लभ् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
शर्म शर्मन् pos=n,g=n,c=2,n=s
भर्तुः भर्तृ pos=n,g=m,c=5,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s
महात्मनः महात्मन् pos=a,g=m,c=5,n=s