Original

त्राहि मामद्य काकुत्स्थ लक्ष्मणेति वराङ्गना ।सुसंत्रस्ता समाक्रन्दच्छृण्वतां तु यथान्तिके ॥ ५ ॥

Segmented

त्राहि माम् अद्य काकुत्स्थ लक्ष्मणैः इति वर-अङ्गना सु संत्रस्ता समाक्रन्दच् छृण्वताम् तु यथा अन्तिके

Analysis

Word Lemma Parse
त्राहि त्रा pos=v,p=2,n=s,l=lot
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
अद्य अद्य pos=i
काकुत्स्थ काकुत्स्थ pos=n,g=m,c=8,n=s
लक्ष्मणैः लक्ष्मण pos=n,g=m,c=8,n=s
इति इति pos=i
वर वर pos=a,comp=y
अङ्गना अङ्गना pos=n,g=f,c=1,n=s
सु सु pos=i
संत्रस्ता संत्रस् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
समाक्रन्दच् समाक्रन्द् pos=v,p=3,n=s,l=lan
छृण्वताम् श्रु pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part
तु तु pos=i
यथा यथा pos=i
अन्तिके अन्तिक pos=n,g=n,c=7,n=s