रामायणम् — 3.5.20
Original
Segmented
भवताम् अर्थ-सिद्धि-अर्थम् आगतो ऽहम् यदृच्छया तस्य मे ऽयम् वने वासो भविष्यति महा-फलः तपस्विनाम् रणे शत्रून् हन्तुम् इच्छामि राक्षसान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भवताम् | भवत् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
सिद्धि | सिद्धि | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आगतो | आगम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यदृच्छया | यदृच्छा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
वासो | वास | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
फलः | फल | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तपस्विनाम् | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
शत्रून् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=p |
हन्तुम् | हन् | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
राक्षसान् | राक्षस | pos=n,g=m,c=2,n=p |