Original

तं नीलजीमूतनिकाशकल्पं सुपाण्डुरोरस्कमुदारवीर्यम् ।ददर्श लङ्काधिपतिः पृथिव्यां जटायुषं शान्तमिवाग्निदावम् ॥ ३९ ॥

Segmented

तम् नील-जीमूत-निकाश-कल्पम् सु पाण्डुर-उरस्कम् उदार-वीर्यम् ददर्श लङ्काधिपतिः पृथिव्याम् जटायुषम् शान्तम् इव अग्नि-दावम्

Analysis

Word Lemma Parse
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
नील नील pos=a,comp=y
जीमूत जीमूत pos=n,comp=y
निकाश निकाश pos=n,comp=y
कल्पम् कल्प pos=a,g=m,c=2,n=s
सु सु pos=i
पाण्डुर पाण्डुर pos=a,comp=y
उरस्कम् उरस्क pos=n,g=m,c=2,n=s
उदार उदार pos=a,comp=y
वीर्यम् वीर्य pos=n,g=m,c=2,n=s
ददर्श दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lit
लङ्काधिपतिः लङ्काधिपति pos=n,g=m,c=1,n=s
पृथिव्याम् पृथिवी pos=n,g=f,c=7,n=s
जटायुषम् जटायुष pos=n,g=m,c=2,n=s
शान्तम् शम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
अग्नि अग्नि pos=n,comp=y
दावम् दाव pos=n,g=m,c=2,n=s