रामायणम् — 3.49.21
Original
Segmented
अनुबन्धम् अजानन्तः कर्मणाम् अविचक्षणाः शीघ्रम् एव विनश्यन्ति यथा त्वम् विनशिष्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनुबन्धम् | अनुबन्ध | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अजानन्तः | अजानत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
कर्मणाम् | कर्मन् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
अविचक्षणाः | अविचक्षण | pos=a,g=m,c=1,n=p |
शीघ्रम् | शीघ्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
एव | एव | pos=i |
विनश्यन्ति | विनश् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
यथा | यथा | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
विनशिष्यसि | विनश् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |