Original

परिश्रान्तं तु तं दृष्ट्वा जरया पक्षियूथपम् ।उत्पपात पुनर्हृष्टो मैथिलीं गृह्य रावणः ॥ १७ ॥

Segmented

परिश्रान्तम् तु तम् दृष्ट्वा जरया पक्षि-यूथपम् उत्पपात पुनः हृष्टो मैथिलीम् गृह्य रावणः

Analysis

Word Lemma Parse
परिश्रान्तम् परिश्रम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
तु तु pos=i
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
जरया जरा pos=n,g=f,c=3,n=s
पक्षि पक्षिन् pos=n,comp=y
यूथपम् यूथप pos=n,g=m,c=2,n=s
उत्पपात उत्पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
पुनः पुनर् pos=i
हृष्टो हृष् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मैथिलीम् मैथिली pos=n,g=f,c=2,n=s
गृह्य ग्रह् pos=vi
रावणः रावण pos=n,g=m,c=1,n=s