रामायणम् — 3.49.13
Original
Segmented
काञ्चन-उरश्छदान् दिव्यान् पिशाच-वदनान् खरान् तांः च अस्य जव-सम्पन्नान् जघान समरे बली
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
काञ्चन | काञ्चन | pos=n,comp=y |
उरश्छदान् | उरश्छद | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दिव्यान् | दिव्य | pos=a,g=m,c=2,n=p |
पिशाच | पिशाच | pos=n,comp=y |
वदनान् | वदन | pos=n,g=m,c=2,n=p |
खरान् | खर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तांः | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
जव | जव | pos=n,comp=y |
सम्पन्नान् | सम्पद् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
जघान | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
बली | बलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |