रामायणम् — 3.48.14
Original
Segmented
अत्र ब्रूहि यथासत्यम् को रामस्य व्यतिक्रमः यस्य त्वम् लोक-नाथस्य हृत्वा भार्याम् गमिष्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अत्र | अत्र | pos=i |
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
यथासत्यम् | यथासत्यम् | pos=i |
को | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रामस्य | राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
व्यतिक्रमः | व्यतिक्रम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
नाथस्य | नाथ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हृत्वा | हृ | pos=vi |
भार्याम् | भार्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गमिष्यसि | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |