रामायणम् — 3.45.43
Original
Segmented
तस्मिन् सहस्राक्ष-सम-प्रभावे रामे स्थिते कार्मुक-बाण-पाणौ हृता अपि ते ऽहम् न जराम् गमिष्ये वज्रम् यथा मक्षिकया अवगीर्णम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
सहस्राक्ष | सहस्राक्ष | pos=n,comp=y |
सम | सम | pos=n,comp=y |
प्रभावे | प्रभाव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
रामे | राम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्थिते | स्था | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
कार्मुक | कार्मुक | pos=n,comp=y |
बाण | बाण | pos=n,comp=y |
पाणौ | पाणि | pos=n,g=m,c=7,n=s |
हृता | हृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
अपि | अपि | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
जराम् | जरा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गमिष्ये | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
वज्रम् | वज्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
मक्षिकया | मक्षिका | pos=n,g=f,c=3,n=s |
अवगीर्णम् | अवगीर्ण | pos=a,g=n,c=1,n=s |