रामायणम् — 3.45.40
Original
Segmented
यद् अन्तरम् सिंह-शृगालयोः वने यद् अन्तरम् स्यन्दनिका-समुद्रयोः सुरा-अग्र्य-सौवीरकयोः यद् अन्तरम् तद् अन्तरम् दाशरथेस् ते एव च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सिंह | सिंह | pos=n,comp=y |
शृगालयोः | शृगाल | pos=n,g=m,c=6,n=d |
वने | वन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्यन्दनिका | स्यन्दनिका | pos=n,comp=y |
समुद्रयोः | समुद्र | pos=n,g=m,c=6,n=d |
सुरा | सुरा | pos=n,comp=y |
अग्र्य | अग्र्य | pos=a,comp=y |
सौवीरकयोः | सौवीरक | pos=n,g=n,c=6,n=d |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अन्तरम् | अन्तर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दाशरथेस् | दाशरथि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |