रामायणम् — 3.45.23
Original
Segmented
त्वाम् तु काञ्चन-वर्ण-आभाम् दृष्ट्वा कौशेय-वासिनीम् रतिम् स्वकेषु दारेषु न अधिगच्छामि अनिन्दिते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
काञ्चन | काञ्चन | pos=n,comp=y |
वर्ण | वर्ण | pos=n,comp=y |
आभाम् | आभ | pos=a,g=f,c=2,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
कौशेय | कौशेय | pos=n,comp=y |
वासिनीम् | वासिन् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
रतिम् | रति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
स्वकेषु | स्वक | pos=a,g=m,c=7,n=p |
दारेषु | दार | pos=n,g=m,c=7,n=p |
न | न | pos=i |
अधिगच्छामि | अधिगम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अनिन्दिते | अनिन्दित | pos=a,g=f,c=8,n=s |