रामायणम् — 3.44.34
Original
Segmented
इयम् बृसी ब्राह्मण कामम् आस्यताम् इदम् च पाद्यम् प्रतिगृह्यताम् इति इदम् च सिद्धम् वन-जातम् उत्तमम् त्वद्-अर्थम् अव्यग्रम् इह उपभुज्यताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
बृसी | बृसी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कामम् | काम | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आस्यताम् | आस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
पाद्यम् | पाद्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रतिगृह्यताम् | प्रतिग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
सिद्धम् | सिध् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
वन | वन | pos=n,comp=y |
जातम् | जन् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अव्यग्रम् | अव्यग्र | pos=a,g=n,c=1,n=s |
इह | इह | pos=i |
उपभुज्यताम् | उपभुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |