रामायणम् — 3.44.3
Original
Segmented
श्लक्ष्ण-काषाय-संवीतः शिखी छत्त्री उपानही वामे च अंसे अवसज्य अथ शुभे यष्टि-कमण्डलु परिव्राजक-रूपेण वैदेहीम् समुपागमत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्लक्ष्ण | श्लक्ष्ण | pos=a,comp=y |
काषाय | काषाय | pos=n,comp=y |
संवीतः | संव्ये | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
शिखी | शिखिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
छत्त्री | छत्त्रिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
उपानही | उपानहिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वामे | वाम | pos=a,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
अंसे | अंस | pos=n,g=m,c=7,n=s |
अवसज्य | अवसञ्ज् | pos=vi |
अथ | अथ | pos=i |
शुभे | शुभ | pos=a,g=m,c=7,n=s |
यष्टि | यष्टि | pos=n,comp=y |
कमण्डलु | कमण्डलु | pos=n,g=m,c=2,n=d |
परिव्राजक | परिव्राजक | pos=n,comp=y |
रूपेण | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वैदेहीम् | वैदेही | pos=n,g=f,c=2,n=s |
समुपागमत् | समुपागम् | pos=v,p=3,n=s,l=lun |