Original

तामुत्तमां त्रिलोकानां पद्महीनामिव श्रियम् ।विभ्राजमानां वपुषा रावणः प्रशशंस ह ॥ १४ ॥

Segmented

ताम् उत्तमाम् त्रि-लोकानाम् पद्म-हीनाम् इव श्रियम् विभ्राजमानाम् वपुषा रावणः प्रशशंस ह

Analysis

Word Lemma Parse
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
उत्तमाम् उत्तम pos=a,g=f,c=2,n=s
त्रि त्रि pos=n,comp=y
लोकानाम् लोक pos=n,g=m,c=6,n=p
पद्म पद्म pos=n,comp=y
हीनाम् हा pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
श्रियम् श्री pos=n,g=f,c=2,n=s
विभ्राजमानाम् विभ्राज् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
वपुषा वपुस् pos=n,g=n,c=3,n=s
रावणः रावण pos=n,g=m,c=1,n=s
प्रशशंस प्रशंस् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i