रामायणम् — 3.43.21
Original
Segmented
न एतत् चित्रम् सपत्नेषु पापम् लक्ष्मण यद् भवेत् त्वद्विधेषु नृशंसेषु नित्यम् प्रच्छन्न-चारिन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
चित्रम् | चित्र | pos=a,g=n,c=1,n=s |
सपत्नेषु | सपत्न | pos=n,g=m,c=7,n=p |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=1,n=s |
लक्ष्मण | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
त्वद्विधेषु | त्वद्विध | pos=a,g=m,c=7,n=p |
नृशंसेषु | नृशंस | pos=a,g=m,c=7,n=p |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
प्रच्छन्न | प्रच्छद् | pos=va,comp=y,f=part |
चारिन् | चारिन् | pos=a,g=m,c=7,n=p |