रामायणम् — 3.43.14
Original
Segmented
हृदयम् निर्वृतम् ते ऽस्तु संतापस् त्यज्यताम् अयम् आगमिष्यति ते भर्ता शीघ्रम् हत्वा मृग-उत्तमम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
हृदयम् | हृदय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
निर्वृतम् | निर्वृत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
संतापस् | संताप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
त्यज्यताम् | त्यज् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आगमिष्यति | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
भर्ता | भर्तृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शीघ्रम् | शीघ्रम् | pos=i |
हत्वा | हन् | pos=vi |
मृग | मृग | pos=n,comp=y |
उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=m,c=2,n=s |