रामायणम् — 3.41.7
Original
Segmented
मृगो ह्य् एवंविधो रत्न-विचित्रः न अस्ति राघव जगत्याम् जगती-नाथ माया एषा हि न संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मृगो | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ह्य् | हि | pos=i |
एवंविधो | एवंविध | pos=a,g=m,c=1,n=s |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
विचित्रः | विचित्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
जगत्याम् | जगती | pos=n,g=f,c=7,n=s |
जगती | जगती | pos=n,comp=y |
नाथ | नाथ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
माया | माया | pos=n,g=f,c=1,n=s |
एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
न | न | pos=i |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |