रामायणम् — 3.41.15
Original
Segmented
यदि ग्रहणम् अभ्येति जीवन्न् एव मृगस् तव आश्चर्य-भूतम् भवति विस्मयम् जनयिष्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदि | यदि | pos=i |
ग्रहणम् | ग्रहण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अभ्येति | अभी | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जीवन्न् | जीव् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
एव | एव | pos=i |
मृगस् | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
आश्चर्य | आश्चर्य | pos=n,comp=y |
भूतम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विस्मयम् | विस्मय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जनयिष्यति | जनय् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |