Original

अहो रूपमहो लक्ष्मीः स्वरसंपच्च शोभना ।मृगोऽद्भुतो विचित्रोऽसौ हृदयं हरतीव मे ॥ १४ ॥

Segmented

अहो रूपम् अहो लक्ष्मीः स्वर-सम्पद् च शोभना मृगो ऽद्भुतो विचित्रो ऽसौ हृदयम् हरति इव मे

Analysis

Word Lemma Parse
अहो अहो pos=i
रूपम् रूप pos=n,g=n,c=1,n=s
अहो अहर् pos=n,g=n,c=1,n=s
लक्ष्मीः लक्ष्मी pos=n,g=f,c=1,n=s
स्वर स्वर pos=n,comp=y
सम्पद् सम्पद् pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
शोभना शोभन pos=a,g=f,c=1,n=s
मृगो मृग pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽद्भुतो अद्भुत pos=a,g=m,c=1,n=s
विचित्रो विचित्र pos=a,g=m,c=1,n=s
ऽसौ अदस् pos=n,g=m,c=1,n=s
हृदयम् हृदय pos=n,g=n,c=2,n=s
हरति हृ pos=v,p=3,n=s,l=lat
इव इव pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s