रामायणम् — 3.40.1
Original
Segmented
एवम् उक्त्वा तु परुषम् मारीचो रावणम् ततः गच्छाव इति अब्रवीद् दीनो भयाद् रात्रिंचर-प्रभोः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
परुषम् | परुष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मारीचो | मारीच | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रावणम् | रावण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
गच्छाव | गम् | pos=v,p=1,n=d,l=lot |
इति | इति | pos=i |
अब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
दीनो | दीन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भयाद् | भय | pos=n,g=n,c=5,n=s |
रात्रिंचर | रात्रिंचर | pos=n,comp=y |
प्रभोः | प्रभु | pos=n,g=m,c=5,n=s |