रामायणम् — 3.37.10
Original
Segmented
अभ्यधावम् सु संक्रुद्धः तीक्ष्ण-शृङ्गः मृग-आकृतिः जिघांसुः अकृत-प्रज्ञः तम् प्रहारम् अनुस्मरन्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अभ्यधावम् | अभिधाव् | pos=v,p=1,n=s,l=lan |
सु | सु | pos=i |
संक्रुद्धः | संक्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तीक्ष्ण | तीक्ष्ण | pos=a,comp=y |
शृङ्गः | शृङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मृग | मृग | pos=n,comp=y |
आकृतिः | आकृति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जिघांसुः | जिघांसु | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अकृत | अकृत | pos=a,comp=y |
प्रज्ञः | प्रज्ञा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रहारम् | प्रहार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनुस्मरन् | अनुस्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |