Original

हर्म्यप्रासादसंबाधां नानारत्नविभूषिताम् ।द्रक्ष्यसि त्वं पुरीं लङ्कां विनष्टां मैथिलीकृते ॥ २१ ॥

Segmented

हर्म्य-प्रासाद-सम्बाधाम् नाना रत्न-विभूषिताम् द्रक्ष्यसि त्वम् पुरीम् लङ्काम् विनष्टाम् मैथिली-कृते

Analysis

Word Lemma Parse
हर्म्य हर्म्य pos=n,comp=y
प्रासाद प्रासाद pos=n,comp=y
सम्बाधाम् सम्बाध pos=n,g=f,c=2,n=s
नाना नाना pos=i
रत्न रत्न pos=n,comp=y
विभूषिताम् विभूषय् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
द्रक्ष्यसि दृश् pos=v,p=2,n=s,l=lrt
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
पुरीम् पुरी pos=n,g=f,c=2,n=s
लङ्काम् लङ्का pos=n,g=f,c=2,n=s
विनष्टाम् विनश् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
मैथिली मैथिली pos=n,comp=y
कृते कृ pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part