Original

नीलजीमूतसंकाशस्तप्तकाञ्चनकुण्डलः ।भयं लोकस्य जनयन्किरीटी परिघायुधः ।व्यचरं दण्डकारण्यमृषिमांसानि भक्षयन् ॥ २ ॥

Segmented

नील-जीमूत-संकाशः तप्त-काञ्चन-कुण्डलः भयम् लोकस्य जनयन् किरीटी परिघ-आयुधः व्यचरम् दण्डक-अरण्यम् ऋषि-मांसानि भक्षयन्

Analysis

Word Lemma Parse
नील नील pos=a,comp=y
जीमूत जीमूत pos=n,comp=y
संकाशः संकाश pos=n,g=m,c=1,n=s
तप्त तप् pos=va,comp=y,f=part
काञ्चन काञ्चन pos=n,comp=y
कुण्डलः कुण्डल pos=n,g=m,c=1,n=s
भयम् भय pos=n,g=n,c=2,n=s
लोकस्य लोक pos=n,g=m,c=6,n=s
जनयन् जनय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
किरीटी किरीटिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
परिघ परिघ pos=n,comp=y
आयुधः आयुध pos=n,g=m,c=1,n=s
व्यचरम् विचर् pos=v,p=1,n=s,l=lan
दण्डक दण्डक pos=n,comp=y
अरण्यम् अरण्य pos=n,g=n,c=2,n=s
ऋषि ऋषि pos=n,comp=y
मांसानि मांस pos=n,g=n,c=2,n=p
भक्षयन् भक्षय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part