रामायणम् — 3.35.4
Original
Segmented
अपि स्वस्ति भवेत् तात सर्वेषाम् भुवि रक्षसाम् अपि रामो न संक्रुद्धः कुर्याल् लोकम् अराक्षसम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अपि | अपि | pos=i |
स्वस्ति | स्वस्ति | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=n,c=6,n=p |
भुवि | भू | pos=n,g=f,c=7,n=s |
रक्षसाम् | रक्षस् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
अपि | अपि | pos=i |
रामो | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
संक्रुद्धः | संक्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
कुर्याल् | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अराक्षसम् | अराक्षस | pos=a,g=m,c=2,n=s |