रामायणम् — 3.34.2
Original
Segmented
जानीषे त्वम् जनस्थानम् भ्राता यत्र खरो मम दूषणः च महा-बाहुः स्वसा शूर्पणखा च मे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जानीषे | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
जनस्थानम् | जनस्थान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भ्राता | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
खरो | खर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दूषणः | दूषण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
बाहुः | बाहु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्वसा | स्वसृ | pos=n,g=f,c=1,n=s |
शूर्पणखा | शूर्पणखा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |