रामायणम् — 3.34.18
Original
Segmented
त्वाम् तु निःसंशयम् सीता दृष्ट्वा तु मृग-रूपिणम् गृह्यताम् इति भर्तारम् लक्ष्मणम् च अभिधास्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
निःसंशयम् | निःसंशय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
सीता | सीता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
मृग | मृग | pos=n,comp=y |
रूपिणम् | रूपिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
गृह्यताम् | ग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
भर्तारम् | भर्तृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
लक्ष्मणम् | लक्ष्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अभिधास्यति | अभिधा | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |