रामायणम् — 3.33.34
Original
Segmented
अयः-जालानि निर्मथ्य भित्त्वा रत्न-गृहम् वरम् महा-इन्द्र-भवनात् गुप्तम् आजहार अमृतम् ततः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अयः | अयस् | pos=n,comp=y |
जालानि | जाल | pos=n,g=n,c=2,n=p |
निर्मथ्य | निर्मथ् | pos=vi |
भित्त्वा | भिद् | pos=vi |
रत्न | रत्न | pos=n,comp=y |
गृहम् | गृह | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वरम् | वर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,comp=y |
भवनात् | भवन | pos=n,g=n,c=5,n=s |
गुप्तम् | गुप् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
आजहार | आहृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अमृतम् | अमृत | pos=n,g=n,c=2,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |