रामायणम् — 3.31.3
Original
Segmented
सक्तम् ग्राम्येषु भोगेषु काम-वृत्तम् महीपतिम् लुब्धम् न बहु मन्यन्ते श्मशान-अग्निम् इव प्रजाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सक्तम् | सञ्ज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
ग्राम्येषु | ग्राम्य | pos=a,g=m,c=7,n=p |
भोगेषु | भोग | pos=n,g=m,c=7,n=p |
काम | काम | pos=n,comp=y |
वृत्तम् | वृत् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
महीपतिम् | महीपति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
लुब्धम् | लुभ् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
बहु | बहु | pos=a,g=n,c=2,n=s |
मन्यन्ते | मन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
श्मशान | श्मशान | pos=n,comp=y |
अग्निम् | अग्नि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
प्रजाः | प्रजा | pos=n,g=f,c=1,n=p |