रामायणम् — 3.31.23
Original
Segmented
इति स्व-दोषान् परिकीर्तितांस् तया समीक्ष्य बुद्ध्या क्षणदा-चर-ईश्वरः धनेन दर्पेण बलेन च अन्वितः विचिन्तयामास चिरम् स रावणः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
इति | इति | pos=i |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
दोषान् | दोष | pos=n,g=m,c=2,n=p |
परिकीर्तितांस् | परिकीर्तय् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
तया | तद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
बुद्ध्या | बुद्धि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
क्षणदा | क्षणदा | pos=n,comp=y |
चर | चर | pos=a,comp=y |
ईश्वरः | ईश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धनेन | धन | pos=n,g=n,c=3,n=s |
दर्पेण | दर्प | pos=n,g=m,c=3,n=s |
बलेन | बल | pos=n,g=n,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विचिन्तयामास | विचिन्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
चिरम् | चिरम् | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रावणः | रावण | pos=n,g=m,c=1,n=s |