रामायणम् — 3.31.20
Original
Segmented
नयनाभ्याम् प्रसुप्तो ऽपि जागर्ति नय-चक्षुषा व्यक्त-क्रोध-प्रसादः च स राजा पूज्यते जनैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नयनाभ्याम् | नयन | pos=n,g=n,c=3,n=d |
प्रसुप्तो | प्रस्वप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
जागर्ति | जागृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
नय | नय | pos=n,comp=y |
चक्षुषा | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
व्यक्त | व्यक्त | pos=a,comp=y |
क्रोध | क्रोध | pos=n,comp=y |
प्रसादः | प्रसाद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पूज्यते | पूजय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जनैः | जन | pos=n,g=m,c=3,n=p |