रामायणम् — 3.31.18
Original
Segmented
उपभुक्तम् यथा वासः स्रजो वा मृदिता यथा एवम् राज्यात् परिभ्रष्टः समर्थो ऽपि निरर्थकः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उपभुक्तम् | उपभुज् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
यथा | यथा | pos=i |
वासः | वासस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्रजो | स्रज् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
वा | वा | pos=i |
मृदिता | मृद् | pos=va,g=f,c=1,n=p,f=part |
यथा | यथा | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
राज्यात् | राज्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
परिभ्रष्टः | परिभ्रंश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
समर्थो | समर्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
निरर्थकः | निरर्थक | pos=a,g=,c=1,n=s |