रामायणम् — 3.27.7
Original
Segmented
स सायकैः दुर्विषहैः स स्फुलिङ्गैः इव अग्निभिः नभः चकार अविवरम् पर्जन्य इव वृष्टिभिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सायकैः | सायक | pos=n,g=m,c=3,n=p |
दुर्विषहैः | दुर्विषह | pos=a,g=m,c=3,n=p |
स | स | pos=i |
स्फुलिङ्गैः | स्फुलिङ्ग | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इव | इव | pos=i |
अग्निभिः | अग्नि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
नभः | नभस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चकार | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अविवरम् | अविवर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
पर्जन्य | पर्जन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इव | इव | pos=i |
वृष्टिभिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=p |