Original

उल्काश्चापि सनिर्घोषा निपेतुर्घोरदर्शनाः ।प्रचचाल मही चापि सशैलवनकानना ॥ १५ ॥

Segmented

उल्काः च अपि स निर्घोष निपेतुः घोर-दर्शन प्रचचाल मही च अपि स शैल-वन-कानना

Analysis

Word Lemma Parse
उल्काः उल्का pos=n,g=f,c=1,n=p
pos=i
अपि अपि pos=i
pos=i
निर्घोष निर्घोष pos=n,g=f,c=1,n=p
निपेतुः निपत् pos=v,p=3,n=p,l=lit
घोर घोर pos=a,comp=y
दर्शन दर्शन pos=n,g=f,c=1,n=p
प्रचचाल प्रचल् pos=v,p=3,n=s,l=lit
मही मही pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
अपि अपि pos=i
pos=i
शैल शैल pos=n,comp=y
वन वन pos=n,comp=y
कानना कानन pos=n,g=f,c=1,n=s